सरकारी नौकरी मतलब की पक्की नौकरी अगर आप कुछ गलती भी करते हैं तो केवल सस्पेंड किया जाएगा। हालांकि आजकल सरकारी कर्मचारी भी थोड़ा बहुत काम करने लगे हैं। पहले तो स्थिति एकदम बदतर थी। आज भी देश के कुछ राज्यों जैसे की यूपी, बिहार और झारखंड में सरकारी नौकरी पाने का बहुत बड़ा क्रेज़ है। इसके पीछे कई सारे कारण है। सरकारी नौकरी की दीवानगी ऐसी है कि कई बार हमें यह देखने को मिलता है कि पीएचडी किए हुए लोग चपरासी का फॉर्म भर रहे हैं।
आज इस ब्लॉग पोस्ट में यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर वैश्वीकरण के इस दौर में भी युवाओं की पहली पसंद सरकारी नौकरी क्यों है?
1. सरकारी नौकरी मतलब परंपरा निभाना।
देश की आजादी के बाद से ही जो भी थोड़ा बहुत रोजगार का अवसर मिला है, वह सरकारी नौकरी के रूप में ही मिला है। आज भी गांव देहात में रिटायर शिक्षक मिल जाएंगे। पहले के जमाने में साक्षरता दर इतनी अच्छी नहीं थी तो सातवीं और दसवीं पास के लोग भी शिक्षक बन जाते थे ऐसे ही आर्मी, एयरफोर्स के लिए भी सिपाही बन जाते थे। इसी परंपरा को ध्यान में रखते हुए आजकल के युवा भी चाहते हैं कि सरकारी नौकरी मिल जाए क्योंकि उनके आसपास के बड़े बुजुर्ग उन्हें उसी तरह की सलाह भी देते हैं।
2. संसाधनों की कमी।
देश में गरीबी इतनी है कि सभी के लिए उच्च शिक्षा या प्रोफेशनल कोर्स करना संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में युवा 12वीं के बाद सरकारी नौकरी के फॉर्म भरने में लग जाते। ग्रेजुएशन के बाद बहुत सारी नौकरियां उपलब्ध है। उन्हें लगता है कि कम पैसे में थोड़ी मेहनत कर लेंगे तो पक्की वाली नौकरी मिल जाएगी। हालांकि एक पद पर हजारों लोग दबंग होते हैं। यहाँ मेहनत बहुत ज्यादा करना होता है। इसी में कुछ युवा बाजी मार लेते हैं।
3. सरकारी नौकरी मतलब बढ़िया शादी।
आपको ये सुनने में थोड़ा अजीब लगे लेकिन बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोगों को और खासकर युवाओं के दिमाग में ये बैठ गया है कि अगर मेरी सरकारी नौकरी नहीं रहेगी तो शादी नहीं होगी या अच्छी शादी नहीं होगी। इसका सबसे बड़ा कारण है कि सरकारी नौकरी वाला दमाद ही लड़की के बाप का पहला पसंद होता है। फिर लड़के वाले उसी हिसाब से दहेज की मांग भी करते हैं। इस बात को ऐसे समझिए कि अगर कोई लड़का अपने गांव में बिजनेस से 50000 महीना कमा रहा है और उसी गांव में एक लड़के की चपरासी में सरकारी नौकरी लगी है जिसका वेतन 20000 है तो चपरासी लड़के के लिए रिश्ते पहले आएंगे।
4. समाज में शक्ति और प्रभाव।
हमारा देश ऐसा है कि यहां लोग अपनी सोच से ज्यादा समाज की सोच पर ज्यादा ध्यान देते हैं। जैसे कि लोग क्या कहेंगे, यह नहीं किया तो समाज में इज्जत नहीं रहेगी, इत्यादि। इन सभी बातों का प्रभाव एक युवा के मन पर भी पड़ता है। एक युवा जिसके पास ज्यादा पैसा नहीं है उसके घर वाले किसी तरह किसानी करके रोजी-रोटी चला रहे हैं, वह सरकारी नौकरी के पीछे भागता है। इसी सोच के साथ वो तैयारी करता है कि सरकारी नौकरी मिल गई तो समाज में मेरा और मेरे परिवार का रुतबा पड़ेगा।
5. सरकारी नौकरी मतलब जॉब सिक्योरिटी।
सरकारी नौकरी की सबसे जरूरी और अच्छी बात यह है कि कोई आपको नौकरी से निकाल नहीं सकता। मतलब एक बार आप लग गए तो 60 साल की उम्र तक निश्चिंत हो जाइये। हाँ, कुछ गड़बड़ करेंगे तो सस्पेंड जरूर कर दिए जाएंगे। उसमें भी आधा वेतन तो मिलता ही है क्योंकि गरीब और मिडिल क्लास ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहता इसलिए पक्की सरकारी नौकरी ही उसे पसंद आती है।
तो सरकारी नौकरी की क्रेज को लेकर यह मेरे कुछ विचार थे। आपको ब्लॉग पोस्ट कैसा लगा और आपके क्या सुझाव हैं वो जरूर लिखिएगा। मिलते हैं अगले ब्लॉग पोस्ट में तब तक के लिए धन्यवाद!
©नीतिश तिवारी।
नमस्ते! मेरा नाम नीतिश तिवारी है। मैं एक कवि और लेखक हूँ। मुझे नये लोगों से मिलना और संवाद करना अच्छा लगता है। मैं जानकारी एकत्रित करने और उसे साझा करने में यकीन रखता हूँ।