क्या सोकर भी न्यू ईयर रेसोल्यूशन पूरा हो सकता है?

अहा! फ़िर एक साल अपने अन्त की ओऱ बढ़ता हुआ दिख रहा है ये बस कैलेंडर के एक पन्ने को बदलने की कार्यवाही होती है और कुछ नहीं क्योंकि दिनचर्य तो वही है अभी भी।

मन अशांत है उन लम्हों को याद करके जब मैंने अपने लिए कुछ resolutions बनाये थे 2024 New Year night में जो कि टाँय टाँय फिस्स हो गए January 2024 खत्म होते होते।

ये अज़ीब सी परिपाटी जीवन बसन्त के प्रत्येक वर्ष का दर्पण है। कभी कोई New Year Resolution सिद्दत से पूरा ही नहीं हो पाया।

बढ़ती उम्र के साथ खुद को थका हुआ महसूस कर रहा था,कितना कुछ करना बाकी है परन्तु हो क्या रहा है, वही एक आम इंसान की सी जिन्दगी जो एक बने बनाये ढर्रे पर चल रही है।

हम कहाँ चूक कर रहे हैं ?क्या सोंचा कभी आपने ?

शायद हम सभी ने इसे हज़ारों बार सोंचा होगा और सैकड़ों कारण नज़र आये होंगे कि हम क्यों अपने New Year Resolution को सफल बना पा रहे हैं पर इसके पीछे का मुख्य कारण हम समझ ही नहीं पाते हैं।

परन्तु 2024 ने मुझे एक रास्ता दिखाया जिससे मुझे ये एहसास हुआ कि मैंने कभी भी ये resolutions स्वयं की प्रेरणा से नहीं बनाए थे और शायद इसीलिए नईकभी उतनी शिद्द्त से पूरे भी नहीं हुए। और यही वो मुख्य कारण है जिसकी वज़ह से हमारे संकल्प पूरे नहीं होन पाते हैं।

कोई भी संकल्प तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक कि वह स्वयं की प्रेरणा से न लिया गया हो ।

“जो सफ़र की शुरुआत करते हैं वो मन्ज़िल भी पा लेते हैं।”

जैसे ही आप कोई संकल्प स्वयं की प्रेरणा से लेते हैं आपके संकल्प 30% वहीं पूरा हो जाता है,ध्यान रहे कि संकल्प बाहरी दबाव या दिखावे के चक्कर मे न लिया गया हो।

इसके लिए सबसे पहले तो आपको यह समझना होगा कि संकल्प होता क्या है ? आपका तन्त्रिका तन्त्र किसी संकल्प पर कैसे प्रतिक्रिया देता है ?
ये दोनों बातें समझते ही आपका संकल्प 80% पूरा हो जाएगा।

आप ये समझिए कि आपका अन्तर्मन किसी भी संकल्प को एक आक्रमणकारी की तरह लेता है जो कि उसके आराम की स्थिति(Comfort Zone) में ख़लल डालने आया है,और हम सभी इस स्थिति से वाक़िफ़ हैं कि कम्फर्ट ज़ोन से इन्सान तभी बाहर आता है जब उसे ये समझ आ जाया कि अब इसके बिना कुछ नहीं हो सकता।बहुत ही कम लोग Risk Taking Ability हमेशा रखते हैं।
तो बस आपको सबसे पहले स्वयं को ये समझाना जरूरी है कि आपने जो संकल्प लिया है वो आपके जीवनचक्र के लिए अत्यंत आवश्यक है और उसे करने के लिए आप किसी विषम परिस्थिति का इंतेज़ार नहीं कर सकते हैं।

“”कल्पना सुन्दर होती है …
पर उसे ज़िया नहीं जा सकता..!
और वास्तविकता कड़वी होती है …
पर उसे छोड़ा नहीं जा सकता..!””

यहीं से आपका 80 प्रतिशत संकल्प पूरा हो जाएगा।

बाकी के 20 प्रतिशत में आपको अपने आसपास के लोगों की प्रतिक्रियाओं को हैंडल करना है, और अपनी निरन्तरता को बनाये रखना है। निरन्तरता का मतलब ये नहीं है कि सात के सातों दिन आपको वो काम करना है और यदि किसी एक दिन आप उस काम को किसी कारणवश नहीं कर पाये तो आपकी निरन्तरता टूट गयी। ऐसा कतई नहीं है।
जीवन मे तमाम कार्य है जिन्हें पूरा करना भी आवश्यक है ,जैसे ही वो कार्य पूरे हों आप फिर से संकल्प में लग जाएं बिना किसी उलझन के ,बस यही है निरन्तरता।

मेरी एक सहपाठी थी ,उसका वजन अनियंत्रित हो चुका घ ग़लत खानपान की वजह से। तो उसने GYM जाना प्रारम्भ किया । आसपास के लोगों ने ,मित्रों ने यहाँ तक कि उसके कुछ रिश्तेदारों ने शुरुआत में उसका हौसला बढ़ाया और उन्हीं लोगों ने 20-25 दिनों में उसके आत्मविश्वास पर चोट करना प्रारम्भ कर दिया।
2 घण्टे GYM करती हो बाकी काम कौन करेगा,फलाने ने तो घर बैठे कम डाइटिंग करके वजन कम कर लिया,लड़कियों को GYM नहीं करना चाहिए,और भी तमाम बातें। सभी बातें लिखने लगूँगा तो मुख्य विषय से भटक जाऊँगा।

मैंने उसे समझाया कि तुम्हें कुछ फर्क समझ आ रहा है GYM से,बोली हाँ। तो मैने कहा बस अपनी निरन्तरता बनाये रखो। समय समय पर इस फील्ड के Experts से सलाह लेते रहो । समय के साथ, जो बदलाव तुम्हें दिख रहा है वो बाकी लोगों को भी दिखेगा और यही लोग तुम्हारी प्रशंसा करते घूमेंगे।

और हाँ के आख़िरी बात जो सबसे ज़्यादा काम की है।

पर्याप्त नींद लीजिये । इस बात को विस्तृत रूप में नहीं लिखूँगा बस है समझ लीजिए ये आपका Natural Booster है।

तो दोस्तों, लग जाओ अपने अपने संकल्पों को पूरा करने में ।नया साल दस्तक देने वाला है। और इस लेख को पढ़ने के बाद आपको किसी संकल्प के लिए नए वर्ष का इंतेज़ार नहीं करना पड़ेगा।

आप एक स्वप्रेरित व्यक्ति हो जायेंगे।

” एक अच्छी शुरुआत के लिए सभी दिन अच्छे होते हैं। “

Happy New Year 2025. 

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31 thoughts on “क्या सोकर भी न्यू ईयर रेसोल्यूशन पूरा हो सकता है?”

  1. Sahi kaha, Jyadatar Resolutions Maine duniyavi dikhave me banaye isiliye kabhi poore nahi hue.

    Par maine Mandir Jana apni khud ki prerna se start Kiya tha isliye wo resolutions aaj bhi kayam hai.

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  2. Scientific, Psychological and Human Tendancy.

    Every aspect discussed in short form.

    I would like your detailed approach on Resolutions.

    I’ve subscribed this Blog.

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  3. Same happened with me when I started GYM and I stopped it after public comments. But now I know my resolution is mine and I’ve to do it.

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