क्रिकेट एक ऐसा खेल जो सिर्फ एक खेल ना होकर भारत में धर्म बन गया है। अंग्रेजों द्वारा इस खेल को भारत लाया गया और फिर धीरे-धीरे ये खेल भारत और भारतीय उपमहाद्वीप में काफी प्रसिद्ध हो गया। 200 से अधिक देशों वाली इस दुनिया में मुश्किल से 20 देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेलते हैं। लेकिन बावजूद इसके यह खेल भारत और दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में बहुत पॉपुलर है। T20 के नए अवतार ने तो क्रिकेट को और ज्यादा रोमांचक खेल बना दिया है।
यूँ तो भारत ने अपना पहला टेस्ट क्रिकेट आजादी से पहले ही 1932 में खेल लिया था, लेकिन धीरे-धीरे क्रिकेट का विस्तार होता गया और पहली बार दुनिया ने भारत के क्रिकेट का लोहा तब माना जब कपिल देव की अगुवाई में भारत ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय विश्व कप जीता।
साल 1983 में एकदिवसीय क्रिकेट का तीसरा वर्ल्ड कप खेला गया। दो बार के वर्ल्ड कप विजेता और उस समय के सबसे मजबूत टीम कहे जाने वाली वेस्टइंडीज को हराकर भारत ने पहली बार विश्व कप की ट्रॉफी को अपने नाम किया।
यह भारत के लिए गौरवपूर्ण क्षण था। यहीं से क्रिकेट को चाहने वालों के लिए क्रिकेट का दीवाना बनने की शुरुआत हो चुकी थी। हिंदुस्तान की गली गली में क्रिकेट खेला जाने लगा था। 90 के शुरुआती दशक में भारत में क्रिकेट के सुपर स्टार सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों के पदार्पण ने भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाया।
क्रिकेट सबसे सस्ता खेल है और भारत में इस सस्ते खेल में अगर आप रणजी में भी खेलते हैं तो भी अच्छा खासा पैसा मिलने लगता है। आईपीएल और टीम इंडिया की तो बात ही छोड़ दीजिए। सस्ता मैं इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि शुरुआत में आपको एक बल्ले और गेंद की ही जरूरत होती है। वैसे तो एक समय पर 11 लोग टीम में होने चाहिए, लेकिन हम भारतीय जुगाड़ू हैं। दो लोग भी मिलकर भी क्रिकेट खेलकर आपस में इंजॉय कर लेते हैं। बचपन में गांव में तो हम लोग बस किसी तरह एक टेनिस बॉल खरीद लेते थे। उसके बाद बैट और विकेट खुद ही बना लेते थे। कम खर्च में फुल एंजॉयमेंट। भारत में क्रिकेट की लोकप्रियत का आलम यह है कि बच्चा जब थोड़ा बड़ा हो जाता है तो उसे बैट बॉल दिया जाता है ना कि बैडमिंटन रैकेट, हॉकी स्टिक या फुटबॉल!
क्रिकेट के पॉपुलर होने का सबसे बड़ा कारण है इस खेल का रोमांच। एक तरफ जहाँ फुटबॉल और हॉकी जैसे खेल में सिर्फ गोल होने के बाद ही मजा आता है वहीं दूसरी तरफ क्रिकेट में हर एक गेंद के साथ आप खेल का लुफ्त उठा पाते हैं। हाँ, यह बात जरूर है कि क्रिकेट के खेल में अन्य खेलों की तुलना में वक्त ज्यादा लगता है। लेकिन ज्यादा समय का तोड़ T20 फॉर्मेट के रूप में आ चुका है। यही कारण है कि आईपीएल जैसी क्रिकेट लीग को 150 से अधिक देशों में देखा जाता है।
हम भारतीयों ने क्रिकेट को यूँ भी अधिक पॉपुलर कर दिया है कि हमारे पास समय बहुत है। क्रिकेट मैच देखने के लिए स्कूल कॉलेज से bunk करना हो या फिर ऑफिस से छुट्टी लेनी हो, भारत में आम बात है। जब काम करने वाले लोग छुट्टी लेकर मैच देख लेते हैं तो सोचिए बेरोजगार लोग जो फ्री रहते हैं, उन्होंने क्रिकेट की प्रसिद्धि में अपना कितना बहुमूल्य योगदान दिया है!
बॉलीवुड के बाद क्रिकेट ही एक ऐसा खेल है जो हम भारतीयों को एक सूत्र में बांधे रखता है। कहने का मतलब है कि भारत की एकता और अखंडता में क्रिकेट के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
देश में अन्य खेल भी हैं जिसके कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते भी हैं। लेकिन अन्य खेलों के प्रति सरकार और संबंधित बोर्ड के उदासीन रवैये के नतीजों के कारण फुटबॉल, हॉकी, बैडमिंटन, टेनिस या फिर एथलेटिक्स का विकास नहीं हो पा रहा है। ऐसा नहीं है कि क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में टैलेंटेड खिलाड़ियों की कमी है। दिक्कत यह है कि ना तो खिलाड़ियों को सही मौका मिल पाता है और ना ही उन्हें बेहतर प्रशिक्षण मिल पाता है। ले देकर हमारे पास बस क्रिकेट बचता है तो पॉपुलर तो होगा ही।
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©नीतिश तिवारी।
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